वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (US Election) इस बार कोरोना (CoronaVirus) संकट पर लड़ा जा रहा है. डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) जहां यह साबित करने में लगे हैं कि उनकी सरकार ने ‘चाइना वायरस’ का कड़ाई से मुकाबला किया. वहीं, उनके प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन (Joe Biden) कोरोना महामारी से निपटने में ट्रंप की विफलता पर वोट मांग रहे हैं. इस बीच, यह खबर सामने आई है कि डोनाल्ड ट्रंप की रैलियों के चलते बड़ी संख्या में लोग कोरोना संक्रमित हुए और कम से कम 700 को अपनी जान गंवानी पड़ी.
एकदम से आई तेजी
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय (Stanford University) के शोधकर्ताओं द्वारा किये गए अध्ययन के मुताबिक, ट्रंप ने जून से सितंबर तक 18 रैलियां आयोजित की, जिसकी वजह से कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी देखी गई. न केवल बड़ी संख्या में लोग कोरोना की चपेट में आये, बल्कि 700 के आसपास लोगों की मौत भी हुई.
‘Baba Ka Dhaba’ के मालिक कांता प्रसाद यूट्यूबर के खिलाफ पहुंचे थाने, यह है वजह
बिना गए भी आए चपेट में
‘द इफेक्ट्स ऑफ द लार्ज ग्रुप मीटिंग्स ऑफ द स्प्रेड ऑफ COVID -19: द केस ऑफ ट्रंप रैलीज’ शीर्षक के तहत प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि 20 जून से 22 सितंबर के बीच डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आयोजित 18 रैलियों के विश्लेषण पर यह पाया गया कि 30,000 लोग कोरोना पॉजिटिव हुए. जबकि कम से कम 700 लोगों की कोरोना की वजह से मौत हुई. इनमें वे लोग भी शामिल थे, जो रैलियों में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं थे. रैलियों के चलते संक्रमण तेजी से फैला और उसकी चपेट में आने वालों को खामियाजा भुगतना पड़ा.
अनसुनी कर दी थी चेतावनी
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बार-बार चेतावनी दी थी कि रैलियों की वजह से संक्रमण की रफ्तार में तेजी आ सकती है. खासकर ऐसे इलाकों में रैलियों से बचा जाना चाहिए जहां पहले से ही संक्रमण की दर काफी ज्यादा है, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने सभी चेतावनी को नजरंदाज कर दिया. वैसे, राष्ट्रपति ट्रंप शुरुआत से ही कोरोना के खतरे को कमतर आंकते रहे हैं. खुद कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी उनकी सोच में कोई खास बदलाव नहीं आया है. हालांकि, अब तह देखने वाली बात होगी कि वोट देने वाली जनता उनके प्रति क्या सोच रखती है?