मॉस्को: कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का विश्व के सभी देशों को इंतजार है.रूस (Russia) ने अगस्त में पहला टीका तैयार करने की घोषणा कर दी थी. हालांकि रूस की वैक्सीन (Russia Covid 19 Vaccine) पर सवाल उठ रहे हैं इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चौंकाने वाला ऐलान कर दिया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति पुतिन (President Putin) कोरोना का टीका लगवाएंगे यह तय हो गया है.
पुतिन ने पहले ही की थी घोषणा
क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के हवाले से खबर है कि महामारी से रूसी राष्ट्रपति के बचाव के लिए यह फैसला लिया गया है. विज्ञान सुरक्षा के उपायों के स्तर को कम करने के लिए यह घोषणा की गई. प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, ‘कोरोना वायरस महामारी के प्रति राष्ट्रपति बेहद गंभीर हैं. उन्होंने पहले ही कहा था कि वह वैक्सीन लगवाने के बारे में सोच रहे हैं. कोरोना महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाना जरूरी है.’
वैक्सीन लगवा कर करेंगे सोल की यात्रा
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि राष्ट्रपति पुतिन दक्षिण कोरिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान सभी सुरक्षात्मक उपाय अपनाएंगे. दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन के साथ फोन पर बातचीत के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने वैक्सीन लगवाने के बाद सियोल की यात्रा करने का वादा किया है.
ये भी पढ़ें- Corona: तेजी से बढ़ रहा रिकवरी रेट, इन राज्यों में 5 हजार से भी कम मरीज
तीसरे ट्रायल का इंतजार करेंगे पुतिन?
इसके बाद से ही पुतिन द्वारा वैक्सीन लगवाने के इरादे की खबरें तेज हो गई हैं. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वैक्सीन लगवाने के लिए पुतिन तीसरे चरण के ट्रायल के खत्म होने का इंतजार करेंगे या इससे पहले ही वैक्सीन लगवाएंगे. इस बारे में प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा है, ‘जब तक राष्ट्रपति पुतिन इस बारे में खुद फैसला नहीं कर लेते, तबतक इंतजार करना होगा. बाद में यह जानकारी सार्वजनिक की जाएगी.’
आखिरी चरण का ट्रायल बाकी
बता दें कि रूस ने 11 अगस्त 2020 को अपनी पहली कोरोना वैक्सीन का पंजीकरण कराया. रूस कोरोना वैक्सीन का पंजीकरण करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन ‘Sputnik V’ के तीनों चरणों का ट्रायल अभी तक पूरा नहीं हुआ है. तीसरे और अंतिम चरण का ट्रायल अभी रूस और अन्य देशों में चल रहा है. पश्चिमी विशेषज्ञों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी परीक्षण होने से पहले इसके उपयोग के खिलाफ चेतावनी दी है.
जबकि रूस ने इन संदेहों को नकार दिया है. वह शुरुआत से ही इस संभावित वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित बता रह है. रूस ने जून-जुलाई में ही 76 लोगों पर दूसरे चरण का परीक्षण करने का दावा करते हुए परिणाम जारी किए थे. हेल्थ रिसर्च जर्नल द लैंसेट में रूस द्वारा प्रकाशित कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक 100 प्रतिशत प्रतिभागियों में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हुई थीं.
वैज्ञानिकों ने खड़े किए सवाल
हालांकि अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के एक समूह ने इस रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए थे. प्रो. एनरिको बुची समेत 12 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने इस संभावित वैक्सीन पर संदेह व्यक्त किया था. इसके परिणामों को लेकर चिंता जताई थी. वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि ट्रायल में शामिल प्रतिभागियों पर वैक्सीन के साइड इफेक्ट दिखे. वैक्सीन लगने के बाद सिरदर्द, बदन दर्द, बुखार, जी मिचलाने समेत 30 से ज्यादा तरह के दुष्प्रभाव हुए थे.
रूस ने खारिज की सभी आपत्तियां
दूसरी तरफ रूस इन सभी आपत्तियों को खारिज करते हुए वैक्सीन को सुरक्षित बता रहा है. खबरें तो यहां तक हैं कि रूस में कोरोना वैक्सीन Sputnik V आम लोगों को भी दी जाने लगी है. रूसी अधिकारियों के मुताबित यह वैक्सीन कारगर साबित होगी
मॉस्को में तेजी से बढ़े कोरोना के मामले
इस बीच रूस ने पिछले 24 घंटों में 8,481 COVID-19 के मामले दर्ज किए हैं. अब वहां कुल 1,176,286 मामले हो गए हैं. सबसे ज्यादा तेजी से मास्को में मॉमले बढ़ रहे हैं. यहां 2,308 नए मामले सामने आए हैं. सेंट पीटर्सबर्ग में कुल 276 नए मामले दर्ज किए गए और मॉस्को क्षेत्र में 222 मामलों की पुष्टि हुई है.