प्योंगयांग: उत्तर कोरिया (North Korea) का तानाशाह किम जोंग उन आलीशान (Kim Jong-un) जीवन जीता है. महंगी गाड़ियां, महंगे कपड़ों से लेकर उसके राजसी ठाठ-बाट की लिस्ट बहुत लंबी है, लेकिन सोचने वाली बात यह है कि आखिरी किम के पास इन सबके लिए पैसा आता कहां से है? क्योंकि उत्तर कोरिया तमाम तरह के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना कर रहा है, जिसके चलते उसकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. इस सवाल का जवाब अब मिल गया है.
एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि किम जोंग-उन द्वारा राजधानी स्थित सरकारी इमारत का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों को संचालित करने के लिए किया जाता है. यहां ड्रग्स, तस्करी, हथियारों की सौदेबाजी से लेकर हर गलत काम को अंजाम दिया जाता है. इस इमारत को ‘ऑफिस-39’ का नाम दिया गया है.
सेवानिवृत्त अमेरिकी कर्नल और उत्तर कोरिया के विशेषज्ञ डेविड मैक्सवेल (David Maxwell) के अनुसार, किम जोंग अपने आलीशान जीवन पर जो खर्चा करते हैं, वह ऑफिस 39 से ही आता है. किम की मर्सिडीज, रोलेक्स घड़ियां और महंगी शराब के लिए पैसा और कहीं से नहीं बल्कि अवैध-गैर कानूनी गतिविधियों से ही आता है. वहीं, उत्तर कोरिया छोड़ चुके जेसन ली (Jason Lee) का भी यही मानना है. ‘पोस्ट’ से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘यह किम जोंग-उन के लिए किसी बैंक की तरह है. हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में वह गैरकानूनी गतिविधियों के बारे में ज्यादा सावधान हो गया है. क्योंकि इससे पार्टी की छवि प्रभावित हो रही है’.
ली और उनके पिता ने ऑफिस-39 में कार्यकारी के रूप में काम किया है. वे शिपिंग कंपनियां चलाते थे, लेकिन बाद में सियोल होते हुए भागकर अमेरिका आ गए. कुछ रिपोर्टों यह दावा किया गया है कि किम जोंग-उन की बहन किम यो-जोंग (Kim Yo-jong) के पति चो सोंग (Choe Song) या तो ऑफिस 39 के अधिकारी हैं या किम की रक्षा करने वाली सैन्य इकाई के लिए काम करते हैं. किम के दिवंगत पिता किम जोंग-इल (Kim Jong-Il) ने 1974 में ऑफिस 39 लॉन्च किया था.
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