Kim Jong weeps and issues rare apology over failings said I am really sorry…


प्योंगयांग : नॉर्थ कोरिया (North Korea) के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन(Kim Jong-Un) ने कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के दौरान देश की सही तरह से देखभाल नहीं कर पाने को लेकर माफी मांगी है. सत्ताधारी पार्टी के 75वें स्थापना दिवस समारोह के मौके पर संबोधन के दौरान देश के संघर्ष का बखान करते हुए उत्तर कोरियाई तानाशाह कई बार भावुक हुआ और उसके आंसू छलक पड़े.  

इसलिए रोया तानाशाह
किम ने कहा कि ‘हमारे लोगों ने हम पर विश्वास किया, जनता ने आसमान जैसा विराट और समुद्र जितना गहरा विश्वास जताया. लेकिन मुझे लगता है कि विश्वास बहाली का ये काम मैं सही तरह से नहीं कर पाया और इसके लिए मैं माफी मांगता हूं.’

किम जोंग उन (Kim Jong Un) ने कहा कि उन्हेंं देश का नेतृत्व करने की जो अहम जिम्मेदारी मिली वो किम इल-सुंग (Kim Il-sung) और किम जोंग-इल (Kim Jong-il) जैसे महान कामरेड की विरासत से जुड़ी थी, लेकिन कोशिश और ईमानदारी में कमी से वो जनता की दुश्वारियां दूर नहीं कर पाए. जबकि यही जिम्मेदारी उनके पिता और दादा ने बखूबी निभाई थी.

दक्षिण कोरिया की चिंता
दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने वीकेंड पर उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग की सभी टिप्पणियों को एक छिपे संकेत के तौर पर लिया है. वहीं उन्होंने नॉर्थ की सैन्य और रॉकेट की प्रदर्शनी को लेकर चिंता जताई है कि फिलहाल ये शांति किसी आने वाले बड़े तूफान का संकेत दे रही है. 

दक्षिण कोरियाई सत्तारूढ़ पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री ली नाक-योन ने कहा कि उन्हेंं किम के भाषण के दौरान दक्षिण कोरिया के साथ रिश्तों को लेकर सकारात्मक संकेत मिलने की उम्मीद थी लेकिन नए हथियारों के प्रदर्शन से उत्तर कोरिया के इरादों के बारे में उन्हें चिंता हो रही है. 

किम का शक्ति परीक्षण
किम जोंग ने देश के लिए महत्वपूर्ण तिथियों में से एक तारीख पर सैन्य हथियारों का प्रदर्शन किया था. इससे पूरे कोरिआई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ने की उम्मीद है. 

अमेरिका से रिश्ता क्या?
नवंबर 2020 में होने वाला अमेरिकी चुनाव भी सस्पेंस के साथ आगे बढ़ रहा है. इस बीच कोरियाई शांति के अमेरिकी कनेक्शन का जिक्र इसलिए भी जरूरी है क्योंकि दक्षिण को मिलने वाले अमेरिकी सहयोग पर उत्तर कोरिया ने शुरू से ही नाराजगी जताते हुए अपने दुश्मनों को एटमी हथियारों से देख लेने की धमकी दी थी. 

दरअसल 2018 में किम और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने का एक अभूतपूर्व अवसर आया था. लेकिन कई दौर की बातचीत के बावजूद संबंधित क्षेत्र में तनाव कम होने के बजाए बढ़ता गया.

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