दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां लोग भुखमरी और गरीबी से संघर्ष कर रहे हैं और अब इस देश पर एक और संकट आ गया है . पिछले 1 हफ्ते से उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन के गंभीर रूप से बीमार होने और यहां तक कि मौत की भी खबरें आ रही हैं. लेकिन सच क्या है, इस पर अभी रहस्य बना हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले 16 दिन से किम जोंग-उन को किसी भी सार्वजनिक समारोह में नहीं देखा गया है. इसी के बाद से उनके स्वास्थ्य को लेकर अलग अलग तरह की बातें चल रही हैं. उत्तर कोरिया अपने तानाशाह किम जोंग-उन से जुड़ी हर बात को सीक्रेट रखने की कोशिश करता है.
दक्षिण कोरिया के एक Online Newspaper – Daily NK के मुताबिक किम जोंग-उन, की दिल की बीमारी का इलाज चल रहा है. ये इलाज उत्तर कोरिया के Hyangsan County(ह्यांगसांग काउंटी) में किया जा रहा है. ये भी दावा किया गया है कि, किम जोंग-उन की हालत में सुधार के बाद उनकी मेडिकल टीम के ज्यादातर सदस्य उत्तर कोरिया की राजधानी Pyongyang लौट गए हैं. लेकिन अभी भी एक मेडिकल टीम किम जोंग-उन के साथ है. यानी हो सकता है कि किम जोंग-उन की हालत अब पहले से बेहतर हो . लेकिन इसका मतलब ये भी है कि किम जोंग-उन की Heart Surgery होने की खबर सही है.
उत्तर कोरिया की मीडिया में किम जोंग-उन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी जाती है. आज उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने किम जोंग-उन का एक संदेश दिखाया है. इस संदेश में किम जोंग-उन… ने वोनसान इलाके के एक Tourist Restort के मजदूरों और अधिकारियों को Thank You मैसेज भेजा है. अब तक ये पता नहीं है कि किम जोंग-उन ने ये संदेश खुद भेजा है या किसी और व्यक्ति ने इसे जारी किया है. ये भी संभव है कि ऐसा करके उत्तर कोरिया की सरकार किम जोंग-उन के बीमार या Brain Dead होने की ख़बरों को छिपाना चाहती हो.
आप सोच रहे होंगे कि अगर किम जोंग-उन जिंदा हैं तो वो सामने क्यों नहीं आ रहे? असल में किम जोंग-उन जैसे तानाशाह हमेशा खुद को अपनी जनता के सामने शक्तिशाली दिखाते हैं. उत्तर कोरिया की जनता भी उन्हें भगवान की तरह सम्मान देती है. हो सकता है कि किम जोंग-उन का स्वास्थ्य अभी पूरी तरह से ठीक ना हो . वो जनता के सामने खुद को कमज़ोर हालत में दिखाना नहीं चाहते हों. ऐसा करने से उनकी शक्तिशाली इमेज को धक्का लग सकता है. किसी भी तानाशाह के लिए ऐसा करना नई मुश्किलें शुरू करने जैसा है.
अब आपको किम जोंग-उन से जुड़ा एक सबूत दिखाते हैं. सैटेलाइट से मिली तस्वीरों के मुताबिक उत्तर कोरिया के वोनसान शहर में एक स्पेशल ट्रेन खड़ी है. उत्तर कोरिया पर निगरानी रखने वाले, अमेरिका के एक ग्रुप का दावा है कि 21 और 23 अप्रैल के बीच ये ट्रेन वोनसान शहर पहुंची है. दावा किया गया है कि ये ट्रेन किम जोंग-उन की हो सकती है. जिस स्टेशन पर ये ट्रेन खड़ी है वो स्टेशन भी किम जोंग-उन के परिवार के लिए ही रिजर्व है. अब दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन के विदेशी मामलों के सलाहकार ने भी अमेरिकी मीडिया को दिए इंटरव्यू में दावा किया है कि, किम जोंग-उन जीवित और स्वस्थ हैं. वो 13 अप्रैल से उत्तर कोरिया के वोनसान इलाके में रह रहे हैं. ये वही इलाका है जहां पर निर्माण कार्य में लगे कामगारों को किम जोंग-उन ने Thank You मैसेज भेजा है.
दक्षिण कोरिया दुनिया का एकमात्र देश है जो किम जोंग-उन के बारे में जानकारी होने का दावा कर रहा है. इसलिए वोनसान शहर में किम जोंग-उन के होने की बात ज्यादा भरोसेमंद है.
36 वर्ष के किम जोंग-उन का स्वास्थ्य खराब होने के बारे में अफवाहों की शुरुआत 15 अप्रैल से हुई थी . 15 अप्रैल को किम जोंग-उन, अपने दादा के जन्मदिन के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे. उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया के मुताबिक आख़िरी बार 12 अप्रैल को किम जोंग-उन की एक मीटिंग में शामिल होने की तस्वीरें आई थीं . उत्तर कोरिया को कम ही लोग करीब से जानते हैं और वहां की सरकार लगातार सबकुछ ठीक होने का दावा कर रही है.
किम की अनसुनी बातें
सिर्फ स्वास्थ्य ही नहीं, किम जोंग-उन के बारे में कई ऐसी बातें हैं जिनकी जानकारी शायद आपको नहीं होगी . किम जोंग-उन उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर हैं. उत्तर कोरिया में उन्हें नाराज़ करने की हिम्मत कोई नहीं दिखा सकता . किम जोंग-उन जब भी लोगों के बीच जाते हैं, तो लोगों को ऐसे दिखाना होता है..जैसे वो उन्हें देखकर भावुक हो गए हैं . ये सब किम जोंग-उन को खुश करने के लिए किया जाता है.
उत्तर कोरिया के संविधान के आर्टिकल 1 के मुताबिक वो एक स्वतंत्र समाजवादी देश है यानी कहने के लिए उत्तर कोरिया काम करने वालों का देश है. लेकिन सच्चाई इससे एकदम अलग है. कहा जाता है, कि नॉर्थ कोरिया में मौजूद कैंपों और अलग-अलग जेलों में… 2 लाख से ज़्यादा लोगों को बंधक बना कर रखा गया है.
दक्षिण कोरिया की Committee for Human Rights के मुताबिक इन सभी बंधकों से, एक अज्ञात लोकेशन पर ज़बरदस्ती मजदूरी कराई जाती है. उन्हें भूखा रखा जाता है…और सज़ा के तौर पर तरह-तरह की यातनाएं दी जाती हैं.
सभी बंधकों को माइनस 25 डिग्री सेल्सियस में हर रोज़…11 किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर किया जाता है . और इनमें से कई बंधक तो ऐसे हैं, जो काम करते-करते और यातनाएं सहते-सहते मर जाते हैं.
उत्तर कोरिया के लोग, किम जोंग-उन के कड़े कानूनों को बर्दाश्त करके अपना जीवन बिताते हैं. वो किसी दूसरे देश या विदेशियों के साथ संपर्क नहीं रख सकते हैं. उन्हें विदेश जाने से रोकने के लिए भी सख्त नियम बनाए गए हैं. वहां सैन्य तानाशाही के नियम ही सबसे ऊपर माने जाते हैं. जिसमें दोषी व्यक्ति की तीन पीढ़ियों को सज़ा का पालन करना पड़ता है.
उत्तर कोरिया की जनसंख्या ढाई करोड़ है और वहां के ज्यादातर लोग गरीबी में बड़ी मुश्किल से अपना जीवन बिताते हैं. लेकिन किम जोंग-उन के पास 17 महल हैं, एक प्राइवेट आइलैंड भी है. उनकी Yacht की कीमत ही 60 करोड़ रुपए से अधिक है. किम जोंग-उन की महंगी घड़ियों की कुल कीमत 62 करोड़ से ज्यादा है. सिर्फ इतना ही नहीं Golf, बास्केटबॉल मैच और घोड़ों की रेस पर भी किम जोंग-उन लाखों-करोड़ों रुपए खर्च करते हैं.
उत्तर कोरिया में अधिकतर लोग बैलगाड़ी का इस्तेमाल करती है. वो इतने गरीब हैं कि वो कार या कोई और गाड़ी नहीं खरीद सकते हैं. लेकिन किम जोंग-उन के पास 100 महंगी गाड़ियां हैं. उनकी बुलेटप्रूफ Mercedes Benz कार की कीमत लगभग 13 करोड़ रुपए है. किम जोंग-उन, के प्राइवेट विमान का नाम Air Force UN(उन) है. हालांकि किम जोंग उन हवाई यात्रा करना पसंद नहीं करते हैं, इसलिए उनके पास एक बुलेटप्रूफ ट्रेन भी है.
किम जोंग-उन के बारे में आपको एक और अनोखी बात बताते हैं, उन्हें Piano पसंद है. ज्यादातर लोग अपने घरों में एक या दो Piano रखते होंगे. लेकिन किम जोंग-उन के पास 36 Piano हैं. और उनमें से हर एक की कीमत लगभग 45 लाख रुपए है.
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया पड़ोसी देश हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच बड़ा अंतर है. वर्ष 1948 में उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया में दो अलग-अलग सरकारें बनी थीं. तब उत्तर कोरिया… तत्कालीन सोवियत संघ यानी आज के Russia के पक्ष में था. और दक्षिण कोरिया अमेरिका के साथ था .
उत्तर कोरिया की स्थापना किम जोंग-उन के दादा… किम इल-सुंग ने की थी. वर्ष 1948 में ही उत्तर कोरिया में तानाशाही की शुरुआत हो गई थी . उत्तर कोरिया एक ऐसा देश है जो अपनी स्थापना के समय से ही दुनिया के लिए Isolation में है . दक्षिण कोरिया उसी समय एक लोकतांत्रिक देश बन गया था .
उत्तर कोरिया ने उस समय आत्मनिर्भर होने की कोशिश की थी. इस कोशिश में असफल होने के बाद वहां भीषण अकाल पड़ा . तब सोवियत संघ और चीन ने अनाज भेजकर उत्तर कोरिया की मदद की थी . वहां की जनता लगातार गरीब होती गई और तानाशाह ताकतवर बनते रहे .
जबकि दक्षिण कोरिया, दुनिया के सबसे गरीब देशों से आज एक विकसित देश बन चुका है. वहां का आर्थिक विकास किसी चमत्कार की तरह है, इसलिए तकनीक के क्षेत्र में दक्षिण कोरिया दुनिया के सबसे विकसित देशों में शामिल है.
आज उत्तर कोरिया अपने सुप्रीम लीडर किम जोंग-उन का इलाज करने के लिए भी दूसरे देशों से मेडिकल टीम बुला रहा है. दक्षिण कोरिया ने कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध को भी लगभग जीत चुका है. अब दक्षिण कोरिया दुनिया के देशों को टेस्ट किट भी भेज रहा है. यानी इस महामारी के खिलाफ दूसरे देशों की भी मदद कर रहा है. कोरोना वायरस के संक्रमण के बावजूद दक्षिण कोरिया में चुनाव का सफल आयोजन किया गया .
भारत और पाकिस्तान
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया की कहानी भारत और पाकिस्तान से मिलती-जुलती है. वर्ष 1947 में ये दोनों देश अलग हुए थे . आज भारत विश्व के सबसे शक्तिशाली देशों में एक है, भारत की दवाइयों से दुनिया के कई देश कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं. लेकिन आतंकवाद का साथ देने वाला पाकिस्तान आज एक असफल देश बन चुका है, और अपनी मदद के लिए वो लगातार दूसरे देशों के सामने हाथ फैला रहा है.
यानी एक ही देश के लोग, जिन्होंने 73 वर्ष पहले अलग-अलग रास्तों को अपनाया था . लेकिन पड़ोसी होने के बावजूद अब भारत और पाकिस्तान में बहुत ज्यादा अंतर है .