नई दिल्ली: भारत के साथ नेपाल के रिश्तों में तल्खी भले ही अचानक आई हो, लेकिन इसकी तैयारी काफी समय से चल रही थी. रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन और पाकिस्तान लगातार नेपाल को भारत के खिलाफ उकसा रहे थे, और उनकी यह कोशिश आज सीमा विवाद के रूप में सामने आई है.
ज़ी न्यूज़ ने यह चौंकाने वाला खुलासा किया है कि भारत के खिलाफ इस अभियान में नेपाल में चीनी राजदूत होउ यानकी (Hou Yanqi ) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अब इसे संयोग कहें या कुछ और कि यानकी को नेपाल का राजदूत बनाए जाने से पहले पाकिस्तान में तैनात किया गया था. कथित तौर पर, यूनाइटेड नेपाल राष्ट्रीय मोर्चा के नेता फणींद्र नेपाल (Phanindra Nepal) पिछले कुछ महीनों से काठमांडू में पाकिस्तान और चीनी दूतावास के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं.
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चीन और पाकिस्तान हमेशा से ही भारत के लिए परेशानी खड़ी करते रहे हैं. अब वह चाहते हैं कि नेपाल को उसके खिलाफ उतारकर एक और मोर्चे पर उसे उलझाया जाए. हाल ही में नेपाल ने एक विवादास्पद नया नक्शा जारी किया था जिसमें भारतीय क्षेत्रों लिपुलेख, कालापानी, लिम्पियाधुरा को अपना बताया गया है. माना जाता है कि नेपाल ने ऐसा चीन के इशारे पर किया है.
इस बीच, शनिवार (13 जून) को नेपाली संसद के निचले सदन ने विवादित नक्शे पर सरकार द्वारा पेश संविधान संशोधन विधेयक को स्वीकार कर लिया. अब इसके नेपाली संसद के ऊपरी सदन में पारित होने का इंतजार है. वहीं, भारत सरकार का कहना है कि नेपाल द्वारा की गई कार्रवाई सीमा विवाद सुलझाने के लिए उसकी गंभीरता को नहीं दर्शाती. सूत्रों के मुताबिक, जब नेपाल द्वारा कैलाश मानसरोवर के नए मार्ग के उद्घाटन पर आपत्ति जताई गई थी, तब भारत ने सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बातचीत से मुद्दा हल करने की इच्छा जताई थी, लेकिन नेपाल ने मामले को सुलझाने के बजाये इसे तूल देना शुरू कर दिया. गौरतलब है कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के लिपुलेख तक सड़क का उद्घाटन करने के बाद से नेपाल इस क्षेत्र को अपना बताता आ रहा है.
पिछले कुछ दिनों में ही नेपाल के साथ भारत के संबंधों में काफी तल्खी आ गई है. सीमा विवाद के बीच 12 जून को भारत-नेपाल सीमा पर नेपाल पुलिस द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी की गई, जिसमें एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई और दो अन्य घायल हुए. यह घटना तब हुई जब नेपाली सशस्त्र पुलिस बल (एनएपीएफ) ने बीकेश कुमार राय की हत्या के दौरान गोलीबारी की. पुलिस ने एक भारतीय को हिरासत में भी लिया था.
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